बीकानेर में स्थित राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां माता काली की मूर्ति है 11 फ़ीट 3 इंच लम्बी
बीकानेर के सुजानदेसर में स्थित काली माता का मंदिर जहां माता के नौ रूप एक साथ विराजमान हैं और इन नौ रूपों की एक साथ आरती होती है। इस मंदिर में काली माता की मूर्ति 4 या 5 फीट नहीं बल्कि 11 फीट 3 इंच की है।
यहां सुबह और शाम को हजारों लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। नवरात्रि में यहाँ मेला भी भरता है, और बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर करीब 25 साल पुराना है. इस मंदिर में सबसे पहले गणेश जी की प्रतिमा विराजित है, उसके बाद नौ देवियों की प्रतिमा है। इनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, महागौरी, सिद्धिदात्री, सती, सरस्वती, हनुमानजी, सीताराम, लक्ष्मण, महादेव और राधाकृष्ण की प्रतिमा लगी हुई है। इसके अलावा यहां काला और गौरा भैरव की विशालकाय प्रतिमा भी है। इस मंदिर में भक्त जो भी अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, वह पूरी होती है।
यह मंदिर सुबह 4:15 बजे खुलता है और रात 12 बजे तक खुला रहता है. यह राजस्थान का पहला ऐसा काली माता का मंदिर है जिसकी ऊंचाई 11 फुट 3 इंच की है। काली माता के दर्शन के लिए शहर के अलावा कोलकाता, मुंबई सहित राजस्थान के कई शहरों से लोग आते हैं. यह मंदिर सुबह से शाम तक खुला रहता है.
इस मंदिर में माता की मूर्ति बनाने में करीब डेढ़ साल का समय लग गया और यह मूर्ति पांच धातुओं से बनी हुई है। हरियाणा के एक बाबा ने 25 साल पहले यहां एक पैर पर तीन साल तक तपस्या की। तपस्या के दौरान जब माता ने अपना स्थान मांगा तो बाबा ने इसी जगह को माता का मंदिर बना दिया। धीरे-धीरे इस मंदिर का स्वरूप बदलने लगा और मंदिर के चारों तरफ पेड़-पौधे लग गए हैं, जहां शाम के समय लोग दर्शन करने के बाद बैठते हैं।
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