कोलकाता दरिंदगी से सबक : पीबीएम पुलिस चौकी को थाना बनाने पर मंथन
कोलकाता में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी और हत्या के बाद उपजे देशव्यापी आक्रोश के बाद बीकानेर में भी हलचल हुई। जिला पुलिस ने पीबीएम अस्पताल में सुरक्षा को मजबूत करने की पहल की है।
वर्तमान में पीबीएम में चौकी संचालित, यहां स्टाफ आधा-अधूरा
पीबीएम अस्पताल से संबद्ध श्री शिवकिसन मिंडाराम दम्माणी मानसिक रोग विभाग की महिला रेजिडेंट चिकित्सक पर एक व्यक्ति ने पत्थर से हमला कर घायल कर दिया। महिला रेजिडेंट तुलसी मानसिक रोग विभाग के पीछे बने हॉस्टल में रहती थी। आरोपी युवक ने नौ जनवरी, 24 की रात करीब साढ़े नौ बजे हमला किया, जब महिला चिकित्सक वाॅशिंग मशीन से कपड़े निकाल रही थी।
पीबीएम अस्पताल में करीब पौने दो साल पहले एक महिला चिकित्सक काे रात को ट्रोमा सेंटर में ऑन कॉल बुलाया गया। महिला चिकित्सक कार को पार्किंग में खड़ी कर मरीज को देखने चली गई। जब वह पौन घंटे बाद वापस लौटी, तो कार को कुछ बदमाशों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। चिकित्सक को भी धमकाया। पीबीएम प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्षुब्द्ध महिला चिकित्सक ने नौकरी ही छोड़ दी।
कोलकाता में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी और हत्या के बाद उपजे देशव्यापी आक्रोश के बाद बीकानेर में भी हलचल हुई। जिला पुलिस ने पीबीएम अस्पताल में सुरक्षा को मजबूत करने की पहल की है। पीबीएम पुलिस चौकी को थाने में क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भिजवाया गया है। वहीं, एसपी मेडिकल कॉलेज एवं पीबीएम अस्पताल प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे बढ़ा रहा है। रात में ऑन कॉल आने वाली महिला कर्मचारियों को लाने-ले-जाने के लिए चौपहिया वाहनों की खरीद का फैसला पहले ही लिया जा चुका है, जो भामाशाहों के सहयोग से होगी।
हर दिन कोई न कोई वारदात
पीबीएम अस्पताल में हर दिन कोई न कोई वारदात को रही है। मरीज के इलाज को लेकर परिजनों और चिकित्सकों-नर्सिंगकर्मचारियों में विवाद होता है। कई बार हाथापाई तक हो जाती है। जिलेभर में झगड़े में घायल होकर आने वाले लोग ट्रोमा सेंटर में झगड़ पड़ते हैं। ऐसे में कई बार पुलिस को यहां हल्का बल प्रयोग तक करना पड़ा है। इतना ही नहीं, पीबीएम में बाइक चोरी, मरीजों के पर्स, मोबाइल व अन्य सामान चोरी होने की घटना तो जैसे आम ही हो गई हैं। ऐसी घटनाओं को देखते हुए ही पुलिस थाने की जरूरत महसूस हुई।
प्रस्ताव में यह…
आईपीएस रमेश की ओर से भेजे प्रस्ताव में थाने के लिए 45 पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों का स्टाफ मांगा गया है। एक थाने की जरूरत के हिसाब से 50 लाख का बजट और वाहन, कम्प्यूटर, वायरलेस सेट व फर्नीचर आदि मांगे गए हैं। थाना पुलिस चौकी के स्थान पर ही बनाया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी
पीबीएम अस्पताल में संचालित पुलिस चौकी को थाने में क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भिजवाया गया है। वर्तमान परिस्थितियाें के मद्देनजर यहां थाना होना बेहद जरूरी है। सरकार महिला सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। इसी उद्देश्य से प्रस्ताव भिजवाया है, ताकि थाने को मंजूरी मिल सके। इससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक
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