वर्ल्ड फेमस ऊंट महोत्सव में इस बार होगी घोड़ों की रेस, राजस्थान पर्यटन विभाग कर रहा तैयारी
बीकानेर परिसर में शुक्रवार सुबह आयोजित हुई इंटरफेस मीटिंग के बाद स्पेशल गेस्ट और टूरिज्म डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर अनिल राठौड़ ने बताया कि, 'हमारी कोशिश 11-12 जनवरी को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय ऊंट महोत्सव में घोड़ों की दौड़ करवाने की है। मीटिंग में भी हमने बीकानेर में हॉर्स राइडिंग के अलावा घोड़ों से संबंधित अन्य शो कराने का सुझाव दिया है।
राजस्थान के बीकानेर में हॉर्स टूरिज्म को बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक सुझाव नेशनल एक्वाइन्स रिसर्च सेंटर को मिले हैं, जिन पर सोच-विचार किया जा रहा है.
कल ही केंद्र को मिली नई उपलब्धि
बीकानेर परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ एस.सी. मेहता ने केन्द्र की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा, 'पिछले 1 साल में इस केंद्र ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई उपलब्धियां हासिल की हैं. इस केंद्र के नाम कल ही एक और उपलब्धि दर्ज हुई है. बीकानेर के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र और राष्ट्रीय पशु संसाधन ब्यूरो ने करनाल के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर स्वदेशी घोड़ों की डीएनए-बेस्ड 'एक्सिओम–अश्व एसएनपी चिप' बनाई है, जोकि स्वदेशी घोड़ों की स्टडी में सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होगी.'
'बीकानेर में नवाचार किया जाना चाहिए'
गौरतलब है कि इस केंद्र ने देश को घोड़ों की 8वीं नस्ल भीमथड़ी दी है. मारवाड़ी घोड़ों के संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर का नस्ल संरक्षण पुरस्कार जीता है. अभी हल ही में राज शीतल नाम की बच्ची का जन्म विट्रीफाइड भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से हुआ है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए स्पेशल गेस्ट सुरेश गुप्ता ने एनडीटीवी राजस्थान पर कहा कि बीकानेर अल मस्त शहर है. यहां नवाचार किए जाने चाहिए. इससे पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं.
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